Thursday, 16 October 2014

Dekhte h kab aata h kala dhan

बर्न। स्विस बैंकों में भारतीयों के जमा भारी भरकम काले धन को लेकर काफी राजनीतिक हंगामा होता रहा है। स्विस बैंकों में जमा काले धन को वापस लाने के वादे के साथ सत्ता में आई मोदी सरकार को बड़ी सफलता मिली है। मोदी सरकार ने सत्‍ता में आते ही सबसे पहले कालेधन की वापसी पर एसआईटी का गठन किया था। अब ऎसा लग रहा है कि विदेशी बैंकों में भारतीयों की जमा ब्‍लैक मनी वापिस आ सकती है। स्विट्जरलैंड ने बुधवार को कहा कि वह बैंकिंग सूचनाओं के बारे में भारत के अनुरोध की प्राथमिकता के आधार पर समीक्षा करेगा और मांगी गई सूचनाएं समयबद्ध तरीके से उपलब्ध कराएगा। मोदी सरकार ने दावा किया था कि वह इस बुराई से निपटने के लिए हरसंभव प्रयास करेगी। स्विस नैशनल बैंक के ताजा आंकड़ों के अनुसार दिसंबर, 2013 तक स्विस बैंकों में भारतीयों का कुल जमा धन 14,000 करोड़ रूपए से अधिक है। भारत और स्विट्जरलैंड के अधिकारियों के बीच टैक्स मामलों पर उच्च स्तरीय बैठक के बाद जारी संयुक्त बयान में कहा गया कि स्विस अधिकारी भारतीय पक्ष के अनुरोध के बाद बैंक दस्तावेजों के सही होने के बारे में जानकारी हासिल करने में मदद करेंगे। साथ ही वे गैर बैंकिंग सूचनाओं के अनुरोध पर भी तेजी से सूचना उपलब्ध कराएंगे। यह बैठक स्विट्जरलैंड के बर्न शहर में रेवेन्यू सेRेटरी शक्तिकांत दास और उनके स्विस समकक्ष अंतरराष्ट्रीय वित्तीय मामलों के सेRेटरी जैकस डे वाटेविले के बीच हुई। दोनों ने विभिन्न द्विपक्षीय व बहुपक्षीय टैक्स व वित्तीय मुद्दों पर विचार विमर्श किया। स्विस सरकार के मुताबिक, दोनों देशों के बीच बातचीत जारी रखने पर भी सहमति बनी है।

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