Sunday, 12 March 2017

होली का त्यौहार

*होली*
खुशियों का त्यौहार है होली !
रंगों की  ----बौछार है होली !!

हिरणाकश्यप  की  सभा में
प्रहलाद का सत्कार है होली !!

असत् सारा  काम  भाव  है
ब्रम्हचर्य का ---सार है होली !!

वृंदावन  से  बरसाना  तक
श्रीकृष्ण  का खुमार है होली !!

नफरतों  के  रंग  ना  डालो
प्रेम की  ----दरकार है होली !!

परिवार  गर  इकट्ठा  हो  तो
एक दूजे  का प्यार है होली !!

कोई प्रेम से गले  मिल  रहे
किसी की तकरार है --होली !!

गेहूं चने की फसल खड़ी है
खेतों की बहार है -----होली !!

प्रेम रंग में रंगा ---- "परिंदा"
उसका तो संसार है-- होली !!

Holi aayi re

😊बावरी होली😊

अंग अंग में भरी उमंग
मन में उठी अजब तरंग
चढ़ा प्यार का ऐसा रंग
मानो देह हुई पतंग

अब के आई अनोखी होली
मन आंगन रची रंगोली
बदले बदले सारे ढंग
मानो देह हुई पतंग

तुम बिन तो घबराऊँ मैं
आ मिलो शरमाऊं मैं
जैसे चढ़ी हो मोहे भंग
मानो देह हुई पतंग

यही है रस्म यही रीत
दोनों की है इस में जीत
यहाँ छिड़ी है प्यार की जंग
मानो देह हुई पतंग

जी भर फाग गाऊँ मैं
संग नाचती जाऊँ मैं
बाजे मंजीरे बाजे चंग
मानो देह हुई पतंग

मौसम बदले कितने रंग
अच्छा लागे पिया का संग
मन हुआ यों मलंग
मानो देह हुई पतंग

रंगों के इस त्यौहार पर हमारी ओर से सतरंगी शुभकामनाएं 🙏

Monday, 6 March 2017

Tanhai

ये आलम शौक़ का देखा न जाए
वो बुत है या ख़ुदा देखा न जाए
ये किन नज़रों से तूने आज देखा
कि तेरा देखना देखा न जाए
हमेशा के लिए मुझसे बिछड़ जा
ये मंज़र बारहा देखा न जाए
ग़लत है जो सुना, पर आज़मा कर
तुझे ए बेवफ़ा देखा न जाए
ये महरूमी नहीं पास-ए-वफ़ा है
कोई तेरे सिवा देखा न जाए
यही तो आशना बनते हैं आख़िर
कोई ना-आशना देखा न जाए
ये मेरे साथ कैसी रौशनी है
कि मुझसे रास्ता देखा न जाए
अपने सिवा है कौन तेरा
तुझे तुझसे जुदा देखा न जाए"
(((((((मैं और मेरी तन्हाई)))))))