Tuesday, 20 December 2016

Shiv aarti

   

 

शिव जी आरती

ॐ जय शिव ओंकारा जय शिव ओंकारा 
ब्रह्म विष्णु सदां शिव अर्द्धांगी धारा || ॐ हर हर महादेव ||

एकानन चतुरानन पंचानन राजै
हंसानन गरुड़ासन वृषवाहन साजै || ॐ हर हर महादेव ||

दो भुज चारू चतुर्भुज दश भुजते सोहे
तीनो रूप निरखते त्रिभुवन जन मोहे || ॐ हर हर महादेव ||

अक्षयमाला बन माला रुंड माला धारी

त्रिपुरारी असुरारी शाशिमाला धारी || ॐ हर हर महादेव ||

श्वेताम्बर पीताम्बर बाघम्बर अंगे 
सनकादिक गरुडादिक भूतादिक संगे || ॐ हर हर महादेव ||

कर के मध्य कमंडल चक्रत्रिशुल धरता
सुखकर्ता दुखहर्ता जग-पालन करता || ॐ हर हर महादेव ||

ब्रम्हा विष्णु सदाशिव जानत अविवेका 
प्राणावकशर में शोभित तीनो एका || ॐ हर हर महादेव ||

त्रिगुण स्वामी की आरती जो कोई नर गावे 
कहत शिवानन्द स्वामी मन वांछित फल पावे || ॐ हर हर महादेव ||
 

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